Thursday, March 8, 2012

कहानी


ये मेरी जह्नीयत है, इसे कभी तू मज़बूरी मत समझना,

मैं तेरे पास नहीं हूँ पर, इसे कभी तू दूरी मत समझना,

हमारा किस्सा ख़तम- सब कहते हैं, फिकर नहीं मुझे,

अपनी कहानी शेष है, इसे अभी तू पूरी मत समझना.

रिटायरमेंट

रिटायरमेंट है अगर एक पारी का अंत तो है एक नई इनिंग की शुरुआत भी, है मंजिल पर पहुंचने का सुखद अहसास तो है कुछ नातों से बिछड़ने की बात भी. याद...