Thursday, August 23, 2018

इंतज़ार

मेरे मौला सुन ले तू ताकीद मेरी एक और,

आस ही रह गयी खुशियों की दीद मेरी एक और,

मेरे ग़म आये गले मिलने को तन्हाई में मुझसे

कुछ इस तरह गुजर गयी ईद मेरी एक और !!

Wednesday, August 15, 2018

तुम धन्य हो

हे सैनिक तुम धन्य हो पूज्य हो प्रणम्य हो
हे सैनिक तुम धन्य हो पूज्य हो प्रणम्य हो,
तुम हो तो ये धरा सुरक्षित वरना हम नगण्य हों
हे सैनिक तुम धन्य हो पूज्य हो प्रणम्य हो.

मरूभूमि में विजय पताका
पर्वत को भी किया प्रभंजित,
सागर को भी फतह किया है
अंबर भी है हुआ पराजित,

तुमको जो सबल मिले तो अपने शत्रु शून्य हों
हे सैनिक तुम धन्य हो पूज्य हो प्रणम्य हो.

कैसे भूलें 'भगत' 'आजाद' को
रानी लक्ष्मीबाई की झांसी को,
है 'बिस्मिल' और 'अशफाक' की धरती
जहां बालक चूमे फांसी को,

ऐसे वीरों ने जन्म लिया जहां, वहां की भूमि पुण्य हो
हे सैनिक तुम धन्य हो पूज्य हो प्रणम्य हो.

माँ की ममता का रस सूखा
पत्नी ने सुहाग है खोया,
बहन की आंखे रस्ता तकते
बाप का दिल मन में ही रोया,

जो शहीद का करे मानभंग उसकी धता न क्षम्य हो
हे सैनिक तुम धन्य हो पूज्य हो प्रणम्य हो.

तुम हो तो ये धरा सुरक्षित वरना हम नगण्य हों
हे सैनिक तुम धन्य हो पूज्य हो प्रणम्य हो.

ताना- बाना

क्यूं किसी से बात कर के
ग्रीष्म भी सुहाना सा लगता है.

कहां, कयूं और कैसे बिछुड़ना
किससे किधर और कब जुड़ना
जिंदगी की ये डोर ऊपरवाले का
एक ताना बाना सा लगता है.

क्यूं किसी से बात कर के
ग्रीष्म भी सुहाना सा लगता है.

कोई नयन पढ़ ले जब मन को
जो नजर समझे हर उलझन को
उन्हीं आंखों में राही जन को
अपना ठिकाना सा लगता है.

क्यूं किसी से बात कर के
ग्रीष्म भी सुहाना सा लगता है.

ह्रदयों के जब जुड़ने लगे तार
उर में उठे अजब सी एक झंकार
तो चंद पलों का कोई नाता भी
सदियों पुराना सा लगता है.

क्यूं किसी से बात कर के
ग्रीष्म भी सुहाना सा लगता है.

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