उसने कोई न चाहत रखी ना कोई ख़्वाहिश करता है
ना कभी हसरत ही की ना कोई गुज़ारिश करता है,
यार, मेरे अंदर उस के जैसा जाने कौन ये रहता है
मेरे दिल में रह कर भी उसकी सिफारिश करता है.
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दोस्तों के दरम्यां कभी कोई बौन न रहे
बात हो खुल के हर पल कि मौन न रहे,
आज मिल लो कि कल का भरोसा नहीं
क्या पता कल यहां हम में से कौन न रहे.
Bahut sundar dipak
ReplyDeleteKeep it up 👌👌👍👍👍