Wednesday, August 17, 2022

दो पल


१.छुटपन के खेल

मिट्टी का खिलौना,

नानी की गोद

मखमली बिछौना.


फूल और तितली

झूलों संग हिचकोले,

कितने थे मीठे वो

आम के टिकोले.


बस मस्ती थी तब

ना ग़म का ख़लल !

काश थम जाते

वो प्यारे दो पल !!


२.स्कूल का बस्ता

भारी वो स्लेट,

सारा टिफिन बांटके

ही भरता था पेट.


टीचर की डांट पे

वो आंखें रुआंसी,

दोस्त मेरा पहला और

वो पहली शाबासी.


छुट्टी की घंटी सुन

खुशियों की हलचल !

काश थम जाते

वो प्यारे दो पल !!


३.तोता मैना कौर

मां का खिलाना

लोरी और थपकी

प्यार से सुलाना.


मेरी हर मुस्कान पे

खुश उसका होना

हल्की सी चपत

फिर खुद ही रोना.


दुनिया थी मेरी

मां का आँचल !

काश थम जाते

वो प्यारे दो पल !!


४.कॉलेज की कैंटीन

यारों का मेला,

क्लास बंक करके

चाय का वो ठेला.


आंखों का मिलना

और थोड़ा शरमाना

हल्की सी मुस्कान

और नज़रें चुराना.


एक झलक पाने को

होना फिर बेकल !

काश थम जाते

वो प्यारे दो पल !!


५.उड़ना नींदों का

खुली आंख सपना,

लुका छिपी इशारे

पहला प्यार अपना.


दिल की वो बातें

होठों पर ना आना

तेरे लिये चिट्ठी

तुझसे ही छुपाना.


ऊंगली के स्पर्श पे

ख्वाबों के महल !

काश थम जाते

वो प्यारे दो पल !!


६.पहली वो ज्वाइनिंग

खुशियां वो अपार,

खजाने सी दौलत

थी पहला पगार.


पहला सेक्शन और

वो ट्रेनिंग के सेशन,

स्वतंत्र जिम्मेदारी और

सफलता का सेलिब्रेशन.


नये कुछ चैलेंजेज

आनंद वो अव्वल !

काश थम जाते

वो प्यारे दो पल !!


७. दरवाजे की दस्तक पे

पापा पापा की पुकार,

गोद में आ चढ़ना

वो प्यार और दुलार.


पोएम सुनाते जब

वो तोतली जुबान,

हर दर्द की दवा

दूर करती थकान.


सुनहरे ये चित्र

हो गये ओझल !

काश थम जाते

वो प्यारे दो पल !!


८. बीत गये काल जो

लगते वो सुहाने,

याद तब आते

वो गुजरे ज़माने.


भविष्य की चाह में

बस सपने संजोना,

अमूल्य वर्तमान को

निराधार यूं खोना.


लौट के न आने

फिर से ये कल

हैं बड़े अनमोल

ये हमारे दो पल

जी लो जी भर के

ये प्यारे दो पल !!

6 comments:

  1. बहुत ख़ूब सर क्या कहे जिस से तारीफ हो सके,लगता ऐसे अल्फ़ाज़ बने ही नहीं।

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद भाई...
      आप जैसे सुधीजनों के द्वारा उत्साह वर्धन ही ऊर्जा है मेरी...🙏😊

      Delete
  2. बहुत खूब गुरू जी

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद गुरूश्रेष्ठ 🙏

      Delete
  3. बहुत ही शानदार, पूरे अभीतक का सफर को प्रवाह के रूप मे व्यक्त किया है।

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद चाचाजी. आपसे मिला उत्साह वर्धन बहुत मायने रखता है 🙏

      Delete

your comment is the secret of my energy

असली जेवर

  शादी के कुछ तीन चार महीने के बाद जब थोड़ा थम गया मन का उन्माद   भोलाराम को सहसा ही आया याद कि मधु - चंद्र का...