सितारे उतर आयेंगें तेरे लिये ज़मीन पर
अंधेरों की फिक्र में न दिल ग़मगीन कर !
ऊपर वाले पे भरोसा नहीं तो ना सही
एक बार ज़रा ख़ुद पर तो यकीन कर !
भटक आया करो तुम मेरे ख्वाबों में
कभी यूं मेरी रात को भी हसीन कर !
खुशियां छलकेगी तुम्हारे भी होठों पर
बस किसी की आँख मत नमकीन कर !
आँखें जो चुरा लेते हो निगाह मिलते ही
मेरे बेगुनाह नज़रों की न यूं तौहीन कर !
हसरतों में रंग भरना तो आसां है दोस्त
बात तो तब हो जो नक़्शे क़दम रंगीन कर !
चाहत-ए-दिल ना मिले तो अफसोस क्यूं
कभी ख़ुदा की नेमत पर भी तस्क़ीन कर !
माना खुशियों की जेब खाली है आज तेरी
दिल को तू ना अपने ज़रा भी मिस्कीन कर !
अपने घर से ही बेगाना हो जायेगा देख
खुद को न यूं तू औरों में तल्लीन कर !
सारी दौलत तेरे सारे ख़ज़ाने बेमानी होंगे
तू अपनी औलाद को गर न ज़हीन कर !
ख़िरद-मंदी के किरदार में थक गया है दिल
चल आ अब कोई नादानी ताज़ातरीन कर !
इश्क़ है तो बस लफ़्ज़ों से ना ज़ाहिर कर
बांहों में भर उसे और फिर मुतमईन कर !
No comments:
Post a Comment
your comment is the secret of my energy